“राम मंदिर के लिए आये हैं, लेकिन उनकी कहानी ने हिला दिया सबको! जानिए इस अनूठे भक्त के सफर की दिलचस्प राज़”
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, चल्ला श्रीनिवास शास्त्री नामक बुजुर्ग ने अपनी पूरे जीवन को भगवान राम की सेवा में समर्पित किया है। इन्होंने खड़ाऊं को सोने से सजाया है और इसकी कीमत केवल मानवीय भावनाओं के सामंजस्य द्वारा नहीं, बल्कि 65 लाख रुपये के मौद्रिक मूल्य के साथ भी बढ़ाया है।
इस आगे के सफल सफर के लिए श्रीनिवास शास्त्री ने जूतों को अपने सिर पर रखा है, जिससे वह अपने अनूठे ब्रांड की पहचान बना रहे हैं। इस यात्रा में उन्होंने 8000 किलोमीटर तक कई प्रमुख तीर्थस्थलों का दर्शन किए हैं, जैसे कि जगन्नाथ पुरी, त्र्यंबक ज्योर्तिलिंग, और द्वारका। इससे उनकी यात्रा एक सामाजिक सफलता बन गई है, जो न केवल उनके अपने भक्तों को प्रेरित कर रही है, बल्कि पूरे देश को भी आत्मनिर्भरता और धरोहर के प्रति समर्पित कर रही है।
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शास्त्री ने बताया कि उनके पिताजी भगवान हनुमान के बड़े भक्त थे और उनकी आख़िरी इच्छा थी कि अयोध्या में राम मंदिर बने। उनकी आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, शास्त्री ने इस यात्रा को अपने पिताजी के सपने को पूरा करने का माध्यम बनाया है।
इसी बीच, शास्त्री की योजना है कि उन्हें अपनी यात्रा का अंत 22 जनवरी को अयोध्या में करें, जहां वह अपने सोने के खड़ाऊं को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपेंगे। इससे पहले उन्होंने चांदी की पांच ईंटों का एक मंदिर दान किया है, जो राम मंदिर के निर्माण में योगदान का प्रतीक है।
श्रीनिवास शास्त्री का कहना है कि उनकी इच्छा है कि वह अयोध्या में ही स्थाई रूप से एक घर बनाकर बस जाएं, जहां से वह भगवान राम के मंदिर की सेवा में लग जाएंगे। उनकी यात्रा की इस कड़ी में एक साथ चल रहे लोगों का साथ होना, जो उनकी मिसाल को और भी शक्तिशाली बना रहा है।